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Showing posts from May, 2021

Livogrit Tablet Patanjali Benefits in Hindi

(This post contains affiliate links. For more information, see my affiliate disclosure  here )  नमस्कार आज हम बात करेंगे पतंजलि द्वारा निर्मित Divya Livogrit टेबलेट के बारे में। आज हम आपको बताएँगे की इस टेबलेट में कौन कौनसी औषधियां है और, साथ ही हम जानेंगे की ये कौनसी समस्याओ में Divya Livogrit टेबलेट का इस्तेमाल कैसे करे, क्या इसमें परहेज करे, और क्या ले? आदि के बारे में। चलिए शुरू करते है। Livogrit tablet uses in hindi (उपयोग) Livogrit टेबलेट का उपयोग लिवर से जुडी समस्या और भूख न लगना और अपच यानि बदहजमी से बचने के लिए किया जाता है। एवं ये टेबलेट लिवर और अपच संबंधी समस्याओ को ठीक करने में एक दिव्य औषधि है। अब हम यह जान लेते है की Livogrit टेबलेट में कौन कौनसी कारगर औषधियां मौजूद है जो की लिवर के लिए बेहद फायदेमंद है। और भूख न लग्न और बदहजमी जैसे समस्याओ से छुटकारा पाने में हमारी मदद करती है।   पुनर्नवा के अर्क भूमि आंवला मकोय एक्सट्रेक्ट  मकोय बार्क एक्सट्रैक्ट Divya Livogrit टेबलेट के अन्य उपयोग।  गैस बनना  उलटी होना  पेट दर्द होना  पेट में सूजन होना  सीने में जलन होना पाचन तंत्र मजब

मानसिक डर का इलाज: जानिए फोबिया का उपचार, इसके प्रकार एवं इसके लक्षण के बारें में।

   नमस्कार दोस्तों, आज हम बात करने वाले है मानसिक डर के बारे में जिसको की फोबिया के नाम से जाना है, इसकी वजह से हम कही न कही जिंदगी को ऐसे नहीं जी पाते है जिसके की हम असल हक़दार है। इस समस्या के दौरान हमको कई सारी चीजों से डर लगता है, अक्सर मानसिक डर के पीछे कई मामलें देखें गए है, जैसे बचपन का कोई हादसा, जानवरो से भय, ऊंचाई से भय लगना आदि है। और इन सब को फोबिया में गिना जाता है। चलिए अब हम बात करते है की इसके कुछ विभन्न प्रकारों के बारें में। जिनमे कई सारे मामलों में हमें किसी चोट लगने से भी डर लगता या जैसे किसी भी इंजेक्शन दे डर और जो हमारा पर्यावरण है उससे डरना लगना। वैसे अगर किसी को ये फोबिया नहीं है फिर डर लगता है, लेकिन मानसिक डर वालों का स्तर अधिक होता है।  मानसिक डर का इलाज मानसिक डर का इलाज कुछ दवाओं एवं थेरेपी की मदद से किया जाता है। अगर बात दवाओं की करें तो मानसिक डर के इलाज लिए मुख्यतः उपयोगी है बीटा ब्लॉकर्स, एंटीडिप्रेसेंट्स और सीडेटिव नामक दवाएं। इन दवाओं का मुख्य कार्य आपके फोबिया के लक्षणों को कम करना है, जैसे की दिल का जोर से धड़कना और तेजी से घबराहट होना जैसे लक्षणों मे

टाइफाइड को जड़ से खत्म करने का इलाज

टाइफाइड को जड़ से खत्म करने का इलाज टाइफाइड एक जीवाणु रोग है जो एक साल्मोनेला टाइफी नामक बैक्टीरिया से होता है, जिसका कार्य होता है हमारे फेफड़ों एवं रक्त में संक्रमण पैदा करना। और इसी संक्रमण को हम टाइफाइड बुखार के नाम से जानते है।  अधिकतर मामलों में टाइफाइड दूषित भोजन और पीने के पानी से भी फैलता है। लेकिन साल्मोनेला मनुष्यों में अंडे एवं कच्चे मांस के जरिये भी आ जाता है, एवं इसका मुख्य निवास जो व्यक्ति संक्रमित हो चुके है, उनके शरीर के कुछ अंग जैसे की छोटी आंत, यकृत, प्लीहा और रक्तप्रवाह है।  चलिए अब हम जानते है की हम टाइफाइड को जड़ से खत्म करने के इलाज के बारे में। अगर आपको टाइफाइड से हमेशा छुटकारा चाइये तो आपको एक एंटीबायोटिक चिकित्सा की तरफ रुख करना होता है, जिसके दौरान आपको मात्रा दो दिनों के अंदर असर दिखना शुरू है।  मेरे कहने का तात्पर्य है की अगर आपको टाइफाइड को जड़ से खत्म करने का इलाज चाइये तो वो है एंटीबायोटिक्स है, इसके बारे में हम आपको कुछ और विस्तार से समझाते है। इसके इलाज के लिए आपको दो नाम याद रखें की जरुरत है जो की है सिप्रोफ्लोक्सासिन (गैर-गर्भवती वयस्कों के लिए) और से

नेबुलाइजर मशीन का उपयोग: जानिए नेबुलाइजर मशीन से जुड़ी समस्त जानकारी

(This post contains affiliate links. For more information, see my affiliate disclosure  here )  नमस्कार दोस्तों, आज हम बात करने वाले है नेबुलाइजर मशीन के उपयोग के बारें। साथ ही हम जानेंगे की इसका उपयोग कौन कर सकते है एवं ये अघिकतर किसके लिए उपयोग में लाया जाता है, और इसके अलावा हम आपको सबसे अच्छे नेबुलाइजर मशीन के बारें में भी जानकारी देंगे ताकि आप किसी गलत चीज के शिकार ना हो। तो चलिए शुरू करते है और जानते है नेबुलाइजर मशीन के उपयोग के बारें में।  नेबुलाइजर मशीन का उपयोग नेबुलाइजर मशीन एक औषधि डिलीवरी उपकरण के रूप में जाना जाता है। जिसका उपयोग कई श्वसन से जुड़े विकारों एवं रोगों के उपचार के लिए किया जाता है जैसे की  सिस्टिक फाइब्रोसिस , अस्थमा , सीओपीडी। इनमे अस्थमा को छोड़कर दो अन्य बिमारियों के नाम जो मैंने आपको अंग्रेजी में बताएं है, जरा उनके बारे में थोड़ी जानकारी दे देता हूँ, ताकि आपको समझने में आसानी हो तो सबसे पहले बात करते है सिस्टिक फाइब्रोसिस जो की एक ऐसी आनुवंशिक बीमारी के रूप में जानी जाती है जिसमें आपके शरीर से निकलने वाले तरल पदार्थ जैसे की पाचक रस, बलगम और पसीना जो की थोड़ा

चिरायता के फायदे: जानिए चिरायता के फायदे और नुकसान

चिरायता के फायदे चिरायता एक जड़ी-बूटी है जो थोड़ी कड़वी होती है। लेकिन इसके फायदे जानकर आप इसकी कड़वाहट को भुलाने के लिए अवश्य मान जाएंगे। ये एक आयुर्वेदिक ओषधि है जो मूल रूप से हिमालय में पाई जाती है। और आज जानिये की कैसे चिरायता के फायदे हमारे शरीर के लिए एक रामबाण है। सबसे पहला है रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ावा। चिरायता में मैग्निफेरिन (Mangiferin) बायोएक्टिव नामक कंपाउंड पाया जाता है। जो की हमारे शरीर को उसकी आवश्यकता के अनुसार रोग प्रतिरोधक शक्ति प्रदान करता है। दूसरा फायदा, अगर आप चिरायता का उपयोग दूध के साथ दो से तीन दिन के लिए करते है तो ये आपके मलेरिया या अन्य बुखार को बहुत अच्छे तरीके से ठीक कर देगा। तीसरा मुख्य फायदा, चिरायता का उपयोग आप ब्लड शुगर, एनीमिया, लीवर और पेट के कीड़े आदि को मारने एवं इन बीमारियों को ठीक करने में कर सकते है। चिरायता के फायदे तो मैंने आपको अनेक बता दिए लेकिन आपको इसके कुछ दुष्प्रभाव भी जानने की जरुरत है। पहला नुक्सान, अगर आप ब्लड प्रेशर से जुडी बीमारी के शिकार है या उसकी दवाईया ले रहे है। तो ऐसे में आपको चिरायता का सेवन करने से बचना चाहिए। दूसरा नुक्सान

एरंड तेल पीने के फायदे: जानिए एरंड तेल के मुख्य फायदों के बारें में जानकारी।

एरंड तेल नमस्कार दोस्तों, आज हम बात करने वाले है एरंड तेल के बारे, इसको अंग्रेजी में कास्टर आयल के नाम से जाना जाता है। उपयोग के हिसाब से एरंड तेल बाकी सभी तेलों में सबसे पुराना है, जिसका इस्तेमाल कई सारी समस्याओं को दूर करने में किया जाता है। एवं एरंड तेल का इस्तेमाल आजकल सभी घरों में अच्छी सेहत के लिए किया जाता है, एवं आज के समय में ये सिर्फ एक जादुई औषधि नहीं बल्कि एक ऐसा तेल है जिसके इस्तेमाल से आप एक रोग मुक्त जीवन व्यतीत कर सकते है। आज हम इसके उपयोग करने के तरीके और इसके फायदों और नुकसान के बारें में जानेंगे। तो चलिए शुरू करते है।  एरंड तेल पीने के फायदे दोस्तों, एरंड तेल पीने का फायदा ये है की इससे वयस्कों की कब्ज, मुँहासे, बालों, स्कैल्प की समस्या का समाधान होता है, और अगर आप इसे ठंडा करके पिए तो ये आप के स्वाद के लिए अच्छा रहेगा। और अगर आप कब्ज के लिए ही इसका उपयोग कर रहे है तो बताते की इसकी खुराक 15 मिलीलीटर है हर रोज ले। और ध्यान रखे की एरंड तेल को दिन में पिएं। और भी एरंड तेल का उपयोग कई समस्याओं से मुक्त होने के लिए जाता है, चाहे वो समस्या आपके बालों से जुडी हो या त्वचा से

कुत्ता काटने पर क्या खाना चाहिए और क्या नहीं?

  कुत्ता काटने पर क्या खाना चाहिए और क्या नहीं? नमस्कार दोस्तों, आज हम बात करने वाले है की अगर हमें कुत्ते ने काट लिया है तो ऐसे में हम किन खाद्य पदार्थों का सेवन करे और किन खाद्य पदार्थो से बचें। अक्सर काफी लोगों ने हमसे ये सवाल पूछा था तो सोचा आज इसका जवाब आप लोगो तक पंहुचा दिया जाए। तो चलिए शुरू करते है।  कुत्ता काटने पर क्या खाना चाहिए? अक्सर डॉग के काटने से के बाद अगर आप हो सके तो रेबीज के शॉट लगवाना ना भूलें, क्योंकि अक्सर कुत्ते या चमगादड़ के काटने के बाद रेबीज के शॉट रेबीज वायरस से बचाता है। अब हम सबसे पहले बात करते की ऐसे में हमें क्या खाना चाइये तो बता की आपको ऐसी स्थिति में प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ावा देनी वाली चीजों का सेवन करना चाइये जैसे की एंटीबायोटिक्स और आपको जैतून की पत्ती वाली चाय का सेवन भी करना चाइये।  कुत्ता काटने पर क्या नहीं खाना चाहिए? अगर आपको कुत्ते ने काट लिया है तो आपको ऐसी चीजों से परहेज करना चाइये जो की उत्तेजक पदार्थों के अंदर आते हो, जैसे की बियर, शराब, कॉफी और तंबाकू आदि। ऐसी चीजों से आपको परहेज करना चाइये ये काफी उत्तेजक पदार्थ है। और भी कुछ चीजें है जि

Kabasura Kudineer Syrup: जानिए कबासुरा कुडिनेर सिरप के उपयोग एवं इसकी सम्पूर्ण जानकारी।

(This post contains affiliate links. For more information, see my affiliate disclosure  here )  नमस्कार दोस्तों, आज हम बात करने वाले है कबासुरा कुडिनेर सिरप के बारे में। ये सिद्धा चिकित्सा प्रणाली में एक बहुत ही लोकप्रिय औषधि है, कोरोना महामारी के दौरान शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में ये काफी कारगर साबित हुई है।  तमिलनाडु राज्य जहां पर सिद्धा प्रणाली का जन्म हुआ यहां कबासुरा कुडिनेर सिरप काफी प्रचलन में है। कोरोना की पहली लहार के दौरान जब तमिलनाडु राज्य सरकार जब कबासुरा कुडिनेर सिरप को बढ़ावा दे रहे थे, उस समय दूसरे राज्यों के मुकाबले यहाँ का रिकवरी रेट काफी ऊपर था। और मृत्यु दर में भी काफी कमी देखी गई। और तो और मद्रास हाई कोर्ट ने भी राज्य सरकार को कबासुरा कुडिनेर सिरप की जानकारी पूरे देश में फैलाने का सुझाव दिया। कई अस्पतालों में आमतौर पर लोगों को इसे दिया जा रहा है।  कबासुरा कुडिनेर सिरप के उपयोग और इसमें मौजूद मुख्य सामग्री।  कबासुरा कुडिनेर सिरप 15 उपयोगी जड़ीबूटियों से बनाया गया है। जैसे की गिलोय जो बुखार, खांसी एवं शरीर के रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में काफी मदद करता

नाभि के नीचे पेट दर्द के कारण: जानिये पेट में चुभन के कारण क्या है?

 नमस्कार दोस्तों, आज हम बात करने वाले है पेट दर्द से जुड़े कुछ पहलुओं के बारें में, जिसमे आज हम मुख्यतः बात करेंगे आपके द्वारा पूछे गए कुछ सवालों के बारे में जैसे की नाभि के नीचे पेट दर्द के कारण और पेट में चुभन होने के पूछे छुपे कारणों के बारे में।  पेट में चुभन के कारण दोस्तों, पेट में चुभन के मुख्य कारणों में मुख्यतः शराब का अत्यधिक सेवन, वसायुक्त खाने का उपयोग, और बेवक्त खाना खाना या उदासीन वक्त में खाना आदि मिलकर आपके पेट के लिए अपच का कारण बनते है। और ये सब मिलाकर आपको पेट में अल्सर होने का संकेत देती है।  अगर आपको लगता है की आप पेट की चुभन की वजह से खाना सही तरीके से नहीं खा पा रहे है और वहीँ दूसरी और खाना न खाने की वजह से आपके पेट में एसिड का संग्रहण होने लगता है और उसके बाद आपको खट्टी डकार आने लगती है। तो ऐसे में आप ये समझ जाइये की शायद आपके पेट में अल्सर है। और ये समस्या आपके पेट में घाव भी दे सकती है।  नाभि के नीचे पेट दर्द के कारण नाभि के नीचे पेट दर्द के कारण मुख्यतः सूजन, कब्ज़, विषाक्त भोजन, डायवर्टीकुलिटिस और गैस होता है। और नाभि के नीचे दर्द होने का कारन कभी अपेंडिक्स

पेनडर्म प्लस क्रीम: Panderm Plus Cream Uses in Hindi

   नमस्कार दोस्तों, आज हम बात करने वाले है पेनडर्म प्लस क्रीम के बारें में। ये मैकलियॉड्स फार्मास्युटिकल्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा निर्मित क्रीम है। हम आज के इस लेख में इस क्रीम के बारे में विस्तार से जानकारी बताएँगे जिनमे मुख्यतः पेनडर्म प्लस क्रीम के उपयोग, दुष्प्रभाव और इसको कैसे उपयोग में लाना है। तो चलिए बिना किसी देर के शुरू करते है।  पेनडर्म प्लस क्रीम के उपयोग। Panderm Plus Cream Uses in Hindi पेनडर्म प्लस क्रीम का निर्माण अनेक दवाओं से मिलकर हुआ है, इसलिए इसे एक कॉम्बिनेशन दवा का दर्ज़ा प्राप्त है। इस क्रीम का मुख्यतः उपयोग त्वचा में होने वाले संक्रमण से बचने, या इस संक्रमण को  ख़त्म करने के लिए किया जाता है। ये क्रीम त्वचा में दिख्नने वाले कुछ लक्षणों जैसे की लालिमा, सूजन और खुजली आदि से निपटने में मददगार है। पेनडर्म प्लस क्रीम के मुख्य घटक टर्बिनाफाइन + क्लोबेटासोल + ओफ्लॉक्सासिन + ओर्नीडाजोल है। इसलिए ये एक कॉम्बिनेशन दवा है। और ये सब मिलकर उन सूक्ष्मजीवों से एंटीमाइक्रोबियल एक्‍शन करती है जो इन्फेक्शन के मुख्य जिम्मेदार होते है। चलिए अब हम इस  क्रीम के दुष्प्रभावों और इसकी ख

Luliconazole Cream Uses in Hindi

 नमस्कार दोस्तों, आज  हम बात करने वाले है लुळिकाज़ोले क्रीम के बारें में, जो की एक एंटीफंगल दवा है। जिसका मुख्य उपयोग त्वचा में फंगल इन्फेक्शन है और आज हम इसके उपयोग, खुराक और इसके दुष्प्रभावों के बारें में विस्तार से जानेंगे। तो चलिए शुरू करते है।  Luliconazole Cream Uses in Hindi लुळिकाज़ोले क्रीम ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड द्वारा निर्मित एक दवा है। जिसका उपयोग संक्रमणों से जुड़े रोगो को इलाज के लिए किया जाता है। जिनमे सबसे प्रमुख रूप से त्वचा के फंगल संक्रमण है जैसे की त्वचा में परत आना, खुजली होना, पैर की दाद या फिर धोबी खुजली होना आदि जैसे संक्रमणों से बचने के लिए लुळिकाज़ोले क्रीम का उपयोग किया जाता है। इसका कार्य करने का तरीका, संक्रमण के लिए जिम्मेदार कुछ कवको को मारकर ये अपना कार्य करती है। चलिए, अब आगे इसके खुराक और इसके दुष्प्रभावों के बारे में जानेंगे।  Luliconazole Cream Doses in Hindi ये क्रीम इतना जल्दी काम नहीं करती है, इसे काम से दो से तीन सप्ताह का वक्त लगता है संक्रमण से छुटकारा दिलाने में और इसकी खुराक आपको डॉक्टर के कहे अनुसार लेनी चाइये। अगर आप इसकी खुराक सही

ओवेरियन सिस्ट में परहेज: जानिए कौन देता ओवेरियन सिस्ट को बढ़ावा।

  नमस्कार दोस्तों, आज हम बात करने वाले है ओवेरियन सिस्ट (अंडाशय में गांठ) के बारे में। सिस्ट का मतलब गांठ, और ओवरी से आशय है एक तरल पदार्थ से भरी थैली। इस दोस्तों, इसकी अधिकता महिलाओं में पीरियड्स के दौरान देखी जाती है। साथ ही हम जानेंगे की किन चीजों के सेवन से ये बढ़ती है और हमें परहेज किन किन चीजों से रखना चाइये। चलिए शुरू करते है।  ओवेरियन सिस्ट क्या होता है? दोस्तों, औरतों को वैसे तो कई सारी समस्याओं से गुजरना पड़ता है। लेकिन आज कल जो बेहद आम बिमारी चल रही है वो है ओवेरियन सिस्ट। जी हां, कभी कभी ओवरी की भीतरी सतहों पर पानी से भरी थैलियों का निर्माण हो जाता है, जिन्हे सिस्ट कहा जाता है।  ओवेरियन सिस्ट के लक्षण और PCOS क्या है।  इसमें इसके अंदर बालों का झड़ना, अवसाद, मुँहासे, अनचाहे वजन का बढ़ना और अनियमित पीरियड्स ओवेरियन सिस्ट के लक्षण होते है। और आपको इन लक्षणों को अनदेखा नहीं करना चाइये। ये PCOS यानी की पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम नामक बीमारी के शुरुवाती लक्षण भी हो सकते है। और अगर ऐसा होता है तो ये आपके लिए बांझपन से लेकर कैंसर तक का खतरा भी पैदा कर सकते है, ये सब हार्मोन्स की अनियमि

फ्लेवर कंडोम का उपयोग: जानिये फ्लेवर कंडोम के बारे में जानकारी।

(This post contains affiliate links. For more information, see my affiliate disclosure  here )  नमस्कार दोस्तों, आज हम बात करने वाले फ्लेवर वाले कंडोम के बारे में, आज के वक्त में इनकी डिमांड इतनी ट्रेंड में क्यों है? और इसके उपयोग फायदे है? एवं ये कितने प्रकार के होते है? और इनमे सबसे अच्छा फ्लेवर कंडोम कौनसा है सब जानेंगे विस्तार से आखिर तक बने रहे। चलिए शुरू करते है।  फ्लेवर कंडोम का उपयोग दोस्तों, फ्लेवर कंडोम की शुरुवात का मुख्य कारण प्लेन कंडोम से उतपन्न होने वाली गंध से छुटकारा पाने के लिए किया गया है। और दूसरा मुख्य कारण ओरल सेक्स का है जिसमे महिलाये या पुरुष एक दूसरे के जननांगों को उत्तेजित करने के लिए अपने मुंह, होंठ या जीभ का उपयोग है। इसलिए फ्लेवर कंडोम इन सब के बीच मत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता था और ऐसे होने के कारण ही आज के समय में फ्लेवर वाले कंडोम की डिमांड मार्किट में प्लेन कंडोम से कई ज्यादा बढ़ गयी है। चलिए अब इसके कुछ प्रकारो पर नजर डालते है।  फ्लेवर कंडोम के प्रकार और सबसे लोकप्रिय कंडोम्स  फ्लेवर वाले कंडोम में वैसे तो कई प्रकार है जैसे की पुदीना, अंगूर, संतरा, केला,

पत्थरचट्टा के औषधीय उपयोग: जानिये पत्थरचट्टा के चमत्कारी उपयोग के बारे में विस्तार से।

 नमस्कार दोस्तों, आज हम बात करने वाले एक नमकीनी एवं खट्टे स्वाद के पत्थरचट्टा पौधे के बारे में, दोस्तों इस पौधे के अनेक औषधीय उपयोग है जिनके बारे में हम आज विस्तार से जानकारी जानेंगे। और साथ ही जानेंगे की ये हमारे स्वास्थ्य के लिए कितना उपयोगी है, तो चलिए शुरू करते है।  पत्थरचट्टा का परिचय  आपको तो पता ही होगा दोस्तों, आयुर्वेद के अधिकतर इलाज पौधों से किये जाते है। और आप इनकी मदद से कई सारे पैसो की बचत भी कर सकते है। क्योंकि ये एक प्राकृतिक और आयुर्वेद के सबसे लाभकारी तोहफे होते है हमारे शरीर के लिए और साथ ये हमें ऑक्सीजन भी प्रदान करते है। दोस्तों, इस पौधे को पत्थरचट्टा के अलावा पणपुट्टी, भष्मपथरी और पाषाणभेद के नाम से भी जाना जाता है। और बाहर के अंग्रेजी लोग इसे Bryophyllum Pinnatum कहते है। चलिए ये तो हो गयी पत्थरचट्टा का परिचय अब इसके औषधीय उपयोग के बारे में बात करते है।  पत्थरचट्टा के औषधीय उपयोग दोस्तों, मुख्यतः पत्थरचट्टा का उपयोग मूत्र संबंधी समस्या एवं किडनी की पथरी से जुडी समस्याओं के लिए किया जाता है। और ये पौधा भारत के अंदर सब जगह पाया जाता है। क्योंकि पत्थरचट्टा की गिनती स

सर्दी-जुकाम की एंटीबायोटिक दवा: जाने क्या एंटीबायोटिक दवा सही है सर्दी-जुकाम के लिए।

 नमस्कार दोस्तों, आज हम बात करने वाले है सर्दी-जुकाम के दौरान उपयोग में लाई जाने वाली कुछ एंटीबायोटिक दवा के बारे में। और साथ ही आपको बताएँगे की क्यों अनुभवी लोग अक्सर सर्दी-जुकाम के दौरान इसको उपयोग में ना लाने की सलाह देते है। चलिए शुरू करते है।  सर्दी-जुकाम की एंटीबायोटिक दवा दोस्तों, जब मैंने सर्दी जुखाम के लिए एंटीबायोटिक दवा के फायदों के बारे जानने की कोशिश की तो मुझे पता लगा की हमें इस दवा को इस बिमारी के लिए उपयोग में नहीं लाना चाइये। इसके पीछे का कारण काफी स्पष्ट है क्योंकि हमें सर्दी-जुखाम वायरस की वजह से होता है, लेकिन ये एंटीबायोटिक दवा सिर्फ संक्रमण का ही इलाज कर सकती है। इसके कारण कोई भी एंटीबायोटिक दवा वायरस से नहीं लड़ सकती है। और इसी के कारण मुझे WebMD और Cleveland clinic महानतम साइट्स में मुझे इसको उपयोग में ना लाने की सलाह मिली है। तो अब बात आती है फिर हम सर्दी जुखाम के लिए किस दवा का उपयोग करे। तो दोस्तों, इसके लिए आपको बेनाड्रिल कफ सिरप को उपयोग में लाना चाइये। इसके बारे में हमने पहले से लेख तैयार कर रखा है। जिसमे हमने आपको बेनाड्रिल कफ सिरप के फायदे और नुकसान के ब

वीरभद्रासन से शरीर के किस अंग को लाभ मिलता है?

 नमस्कार दोस्तों, आज हम वीरभद्रासन के बारे में बात करेंगे, वीरभद्रासन सुदृढ़ योग मुद्रा है। जिससे की आपको कई सारे लाभ प्राप्त होते है। आज हम इसके बारे में विस्तार से जानेंगे और साथ एक सवाल के बारे में भी चर्चा करेंगे की वीरभद्रासन से शरीर के किस अंग को लाभ मिलता है?​ तो चलिए शुरू करते है।  वीरभद्रासन से शरीर के किस अंग को लाभ मिलता है? दोस्तों, वीरभद्रासन को वारियर पोज़ के नाम से भी जाना जाता है, जिसे आदिनाथ शिव के एक अवतार वीरभद्र से लिया गया है। वीरभद्रासन करने से हमारे कई अंगो को मजबूती मिलती है जैसे की मांसपेशियों का मजबूत होना, जिनमे मुख्यत: हाथों, कंधो ,जांघो एवं कमर में अधिक लाभकारी है। दोस्तों, अंगो के मजबूती के अलावा वीरभद्रासन करने से हमारे अंदर सहनशक्ति का भी उभार होता है, और जिसका मुख्य फायदा हमारे शरीर के अच्छे संतुलन को बनाये रखने के लिए होता है। और दोस्तों आप यकीन नहीं करेंगे लेकिन सच ये है की इसको नियमित तौर पर करने से आपके मन की शांति में वृद्धि होती है और इसकी मदद से हम ज्यादा रचनात्मक हो जाते है। दोस्तों, ये तो वीरभद्रासन को लेकर मेरा अनुभव है। और इससे जुडी तो में आपको

बेनाड्रिल कफ सिरप के फायदे: जानिए बेनाड्रिल कफ के फायदे और नुकसान के बारे में।

  नमस्कार दोस्तों, आज हम बात करने वाले बेनाड्रिल कफ सिरप के बारे में, जिसके जरिये हम इसके उपयोग से लेकर नुकसान और इसकी खुराक के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी जानेंगे। आप इसे उपयोग में लेने से पहले ये जानकारी जानकार बेनाड्रिल कफ सिरप का भरपूर लाभ उठा सकते है, चलिए शुरू करते है।  बेनाड्रिल कफ सिरप के उपयोग  दोस्तों, मुख्यतः बेनाड्रिल कफ सिरप का उपयोग खांसी की समस्या दूर करने के लिए किया जाता है। लेकिन इसके कुछ और भी फायदे है वो जानने से पहले हम थोड़ा सा इस दवा का परिचय दे देते है। दोस्तों, ये दवा जॉनसन & जॉनसन लिमिटेड द्वारा निर्मित है एवं ये कंपनी काफी विश्वसनीय है। आपकी जानकरी के लिए बता दे की कोरोनावायरस के समय में इस दवा की वैक्सीन भी लगाईं जा रही है। हालांकि इस कंपनी की दवा अधिकता अमेरिका में ज्यादा है। चलिए हम वापिस इस सिरप की बात करते है। दोस्तों, इस सिरप का उपयोग एलर्जी वाले लक्षणों के इलाज के लिए भी किया है जैसे की, नाक बहना, छींके आना और आँखों में पानी भर जाना तक होता है। दवा के गुण कुछ और भी है जिनमे कंजेशन और स्टफिनेस भी आते है ये सिरप इनमे भी कई हद तक कारगर है। इसके कार

सुकराल सिरप के फायदे: जानिये सुकराल सिरप के फायदों और नुकसान के बारे में विस्तार से।

नमस्कार दोस्तों, आज हम बात करने वाले है सुकराल सिरप के बारे में लोग इसे सुक्राल भी लिखते है, दोनों में कोई अंतर नहीं ये में आपको इसलिए कह रहा हूँ। ताकि आप भर्मित ना हो। चलिए अब बात करते है सुकराल सिरप के फायदे और नुकसान के बारे में।  सुकराल सिरप के फायदे दोस्तों, सुकराल सिरप का मुख्यतः उपयोग हमारे पेट में अल्सर को ठीक या कहे तो उसके इलाज के लिए किया जाता है। वैसे कुछ और भी इसके फायदे है लेकिन उनको जानने से पहले हम आपको बताना चाहेंगे की इस सिरप को डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही ले, क्योंकि ये एक पर्चे के जरिये मिलने वाली सिरप है। अगर आप इसे बिना डॉक्टर की सलाह के लेते है तो आपको इसके कुछ नुकसान देखने को मिल सकते है जिनके बारे में हम आपको नीचे अवगत करवाएंगे। लेकिन दोस्तों उससे पहले हम आपको सुकराल के कुछ और उपयोगो के बारे में जानकारी प्रदान कर देते है पेट के अल्सर के अलावा इस सिरप का उपयोग आपके मुँह के छालों एवं एसिडिटी जैसी समस्याओं में भी इसका उपयोग किया जाता है। अब अब दोस्तों कुछ ऐसी स्थिति होती है जिसमे की अगर आपको शुगर है तो ऐसे में आप इसका उपयोग ना करे। क्योंकि शुगर के मरीजों के लिए ये

बिना इमली के सांभर कैसे बनेगा?

बिना इमली के सांभर कैसे बनेगा?  नमस्कार मित्रों, आज हम बात करने वाले है की बिना इमली के सांभर कैसे तैयार करे। जो की बहुत ही आसान तरीके से तैयार किया जा सकता है। इसके लिए आपको कुछ चीजों की जरुरत पड़ेगी और हां, इमली अगर नहीं तो कोई दिक्क्त नहीं है। इस सांभर का स्वाद लाजवाब रहेगा। दोस्तों, सबसे पहले में आपको मसाले और सब्जियों की लिस्ट तैयार कर देता हूँ, जिसे आप सबसे पहले तैयार करले। वो नीचे मैंने आपको बताई है।  सांभर के लिए मसाले  एक कटौती अरहर की दाल दो से तीन सुखी लाल मिर्च  दो बड़े चमच सांभर मशाला  एक छोटा चमच सरसो या राई  एक बड़ा चमच लाल मिर्च  चुटकी भर हींग  कुछ कढीपत्ते  नमक अपने स्वाद के अनुसार   हल्दी पाउडर आधा छोटा चमच  सांभर के लिए सब्जियां  एक प्याज लम्बा कटा हुआ एक छोटा बेंगन मोठे टुकड़ो में दो टमाटर मोठे टुकड़ो में कटे हुये एक छोटा सा टुकड़ा कद्दू कट्टा हुआ आधा छोटा सा घीया टुकड़ो में कट्टा हुआ एक छोटी गाजर मोठे टुकड़ो में कटी हुई थोड़े से कड़ी पत्ते दो हरी मिर्च तरीका    सबसे पहले आपको अरहर की दाल को अच्छी तरीके से धोके, आधे घंटे के लिए भिगो कर रख देंगे। आधे घंटे बाद आपको उसका पानी नी

O2 level in Human Body in Hindi | जानें मानव शरीर में o2 के स्तर से जुड़ी जानकारी।

 नमस्कार दोस्तों, आज हम बात करने वाले हमारे शरीर में पाए जाने वाले ऑक्सीजन (o2) के लेवल की यानी की खून में ऑक्सीजन की मात्रा की। जिसमे हम जानेंगे की आखिर हमें क्यों जरुरत पड़ती है ऑक्सीमीटर की ऑक्सीजन लेवल चेक करने के लिए और कितना लेवल होना चाइये ऑक्सीजन का, आइये विस्तार से जानते है इसके बारे में। और साथ में ये भी जानेंगे की कोरोना में ऑक्सीजन लेवल का क्या रोल है।  दोस्तों, covid-19 के कई सारे लक्षण दिखाई देते है। जैसे की बुखार, जुखाम होना, खाने का स्वाद खो जाना और भी कई तरह के लेकिन इन सब मे अगर कोई सबसे गंभीर लक्षण है तो वो है सांस की समस्या। और आप सभी लोगो को तो पता ही होगा की आज के समय में भारत के अंदर कैसे ऑक्सीजन सिलेंडर की भरी किल्लत हो रही है। तो ऐसे में आप तक ये समस्या ना पहुंचे इसके लिए आपको कुछ चीजों की जरुरत और कुछ चीजे सिखने की जरुरत पड़ेगी, ताकि आप इस जंग को अपने लेवल पर लड़ सके। आइये सबसे पहले शरीर के अंदर खून में पाई जाने वाली ऑक्सीजन के बारे में बात करते है।  दोस्तों, अगर आपको लगे की आपको बुखार या कमजोरी का अनुभव हो रहा है, तो ऐसी स्थिति में आप हर चार-पांच घंटे में एक बा

यूजर्स को सबसे पहले दूरसंचार विभाग के पोर्टल tafcop.dgtelecom.gov.in पर विजिट करना होगा।

नमस्कार दोस्तों, आज के विषय में हम जानेंगे की कैसे आप सिम से जुड़े फर्ज़ीवाड़े से बच सकते है। अक्सर आपने सिम खरीदते वक्त अपने लोकल सिम प्रोवाइडर को अपना फोटो और पहचान पत्र आदि दिए ही होंगे। तो अक्सर कुछ प्रोवाइडर आपके इन डाक्यूमेंट्स की जाली कॉपी अपने पास रख लेते है। और उसके जरिये वो आपके नाम से कई और सिम निकलवा लेते है। तो दोस्तों ऐसे में खतरा काफी बढ़ जाता है और चिंताजनक स्थिति उतपन्न करने वाली बात है।  दोस्तों, लेकिन अब चिंता की कोई बात नहीं है। क्योंकि सरकार ने आपके लिए एक ऐसा प्लेटफार्म तैयार किया है। जिसके जरिये आप ये पता लगाने में सक्षम हो जाएंगे की कई और आपके नाम की सिम का उपयोग तो नहीं हो रहा है। तो ये काफी सुविधाजनक रास्ता होगा। तो इसके लिए आपको कुछ प्रक्रियाओ से होकर गुजरना होगा। जो हम आपको निचे कर्मानुसार आज बताएँगे।  दोस्तों, सबसे पहले आपको यानी की यूजर्स को सबसे पहले दूरसंचार विभाग के पोर्टल tafcop.dgtelecom.gov.in पर विजिट करना होगा। और फिर वहा पर आपको कुछ प्रक्रियाओ से गुजरना होगा। जिसमे सबसे पहले चाइये होगा आपका दस अंको का मोबाइल नंबर। फिर आपको उस नंबर पर वेरिफिकेशन के लिए

बिस्तर में लंबे समय तक के लिए सबसे अच्छा आयुर्वेदिक दवा। जानिये इस समय के पीछे का पूरा कारण।

 नमस्कार दोस्तों, आज हम बात करने वाले कुछ ऐसी आयुर्वेदिक दवाओं के बारे में, जो की आपको बिस्तर में अच्छा प्रदर्शन करने का अनुभव प्रदान करे। और साथ ही हम आपको कुछ कारण भी बताएँगे जिसकी वजह से अक्सर ये समस्या देखी जाती है। आज का ये लेख आपके लिए काफी महत्वपूर्ण होगा। चलिए शुरू करते है।   सबसे बात करे अगर आयुर्वेदिक औषधियों की तो इस समस्या में बहुत सी आयुर्वेदिक औषधियों का प्रयोग किया जा सकता है। परन्तु मुख्यतः वीर्य शोधन वटी, वीर्य शोधन चूर्ण, चन्द्रप्रभा वटी, मकरध्वज वटी और पुष्पधन्वा रस के साथ साथ आदि ऐसी बहुत सी औषधीयाँ है जिनका प्रयोग करके आप लाभ की प्राप्ति कर सकते है। हालांकि सर्वश्रेस्ट लाभ के लिए में आपको किसी चिकित्सक का परामर्श लेने की सलाह अवश्य दूंगा। तो दोस्तों आशा करता हूँ की आपको बिस्तर में लम्बे तक प्रदर्शन करने वाली आयुर्वेदिक दवाओं के बारे में जानकारी मिल गयी होगी। चलिए अब जानते है की इस समस्या एक मूल कारण क्या होते है।  दोस्तों, इस समस्या के पीछे छुपे प्रमुख कारणों के बारे जानना जरुरी है, क्योंकि जब तक आप कारणों की तरफ ध्यान नहीं देते या उनसे छुटकारा नहीं पा लेते तब तक आ

ग्लोबल टेंडर क्या होता है?

 दोस्तों, ग्लोबल टेंडर को लेकर बात आगे जब बढ़ी जब भारत में कोरोना के बढ़ते प्रकोप के कारण वैक्सीन की भरी किल्लत देखें को मिली। तो ऐसे में अनेक राज्यों ने ग्लोबल टेंडर जारी कर दिए। और इन सब मे सबसे आगे और जल्द ग्लोबल टेंडर किया उत्तरप्रदेश की सरकार। बाकी के अभी करने वाले है। तो आखिर इतनी हलचल के बाद लोगो में मन में एक बात आना तो स्वभाविक ही थी की आखिर ग्लोबल टेंडर क्या होता है? चलिए जानते है इसके बारे में।  नमस्कार दोस्तों, आज हम ग्लोबल टेंडर के बारे में बात करने वाले है इसे हिंदी में वैश्विक निविदा कहा जाता है। और इसका अर्थ होता है किसी एक जगह पर विश्व की कई कंपनियां किसी बढ़ी या छोटी परियोजना के लिए भाग लेती है, और बोलियां लगती है और इस प्रक्रिया को ग्लोबल टेंडर के रूप में जाना जाता है। और मुख्यत ग्लोबल टेंडर बढ़ी बढ़ी और अलग अलग देशों में बसी कंपनियों के लिए ही निकाला जाता है।  दोस्तों, ये टेंडर अक्सर बढे संस्थानों द्वारा अपनी वेबसाइट के जरिये भी निकाले जाते रहे है। कभी कभी ये संस्थान कुछ बड़े राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय मीडिया के जरिये भी ग्लोबल टेंडर जारी करती है। और दोस्तों इस प्रक्रिया को

Ram Aur Krishna kis Paudhe ki Prajati hai?

 नमस्कार दोस्तों, आज ये एक सवाल ट्रेंड होता मिला और वहा पर पूछा गया की रामकृष्णा किस पौधे की प्रजाति है? तो आइये जानते है इस सवाल का जवाब।  सबसे पहले दोस्तों, आपको बता दे की रामकृष्णा एक नहीं बल्कि दो है, राम और कृष्णा जो तुलसी के पौधे की प्रजाति है। इनकी कुछ औभीर  प्रजातियां है जैसे की श्याम तुलसी, राम तुलसी, श्वेत/विष्णु तुलसी, वन तुलसी, नींबू तुलसी  चलिए दोस्तों, इसी के साथ में आपको कुछ तुलसी के बारे में और जानकारी बता देता हूँ। आपको तो पता ही होगा की भारत में तुलसी को पूजनीय माना जाता रहा है। और माँ लक्ष्मी का रूप भी माना जाता है। और वो भी कई सदियों से और इसके पीछे कई कारण इनमे से कुछ कारण ऐसे भी जो हमारे स्वास्थ्य के लिए काफी लाभप्रद है। जैसे की बुखार, फ्लू, स्वाइन फ्लू, डेंगू, सर्दी, खांसी, जुखाम, प्लेग, मलेरिया, जोड़ो का दर्द, मोटापा, ब्लड प्रेशर, शुगर, एलर्जी, आंख दर्द , खुजली, सिर दर्द, पायरिया, नकसीर, फेफड़ों की सूजन, अल्सर, वीर्य की कमी, हार्ट ब्लोकेज, हेपेटाइटिस, जलन, मूत्र संबंधी रोग, गठिया, दम, मरोड़, बवासीर, और अतिसार जैसी समस्याओ से लड़ने में तुलसी के अर्क का उपयोग किया जात

2-DG Medicine Uses in Hindi: 2-डॉक्सी डी-ग्लूकोस DRDO द्वारा निर्मित कोरोना से लड़ने की दवा

नमस्कार दोस्तों, DRDO ने डॉक्टर रेड्डी लैब्स के साथ मिलकर 2-DG नामक ओरल दवा का निर्माण किया है। जिसका पुरा नाम 2-डॉक्सी डी-ग्लूकोस जिसको अब डीजीसीआई द्वारा मंजूरी प्राप्त हो चुकी है। इसका मुख्य कार्य कोरोना के प्रकोप से बचना है। ये दवा क्या क्या कार्य करती है और ये कितनी कारगर। आइ ये इसके बारे में हम आज विस्तार से बात करते है।  दोस्तों, भारत में इस दवा को आज की आपातकालीन स्थिति को देखते हुए बनाया गया है। हालांकि DRDO ने बनाने में कोई लापरवाही नहीं की है, क्योंकि DRDO इसके निर्माण के लिए पिछले साल से काम कर रहा था। लेकिन आपको पता ही  होगा की ये संस्थान सेना के लिए काम करती है। इसके लिए हर चीज को गुप्त रखा जाता है। और कार्य पूरा होने के बाद अचानक ही प्रकाशित किया जाता है। चलिए इसके उपयोगों के बारे में जानते है।  दोस्तों, DRDO द्वारा परिक्षण करने के बाद उन्होंने बताया ये कुछ इस प्रकार काम करती है, की हमने कोरोना के मरीज को 2-DG दवा का डोज दिया जिससे की, उनके अंदर काफी कम कोरोना बचा पहले की तुलना में। क्योंकि दवा संक्रमित कोशिकाएं के ग्लूकोस को बंद कर देती है, जिससे की आने वाले वक्त में वो

Prednisolone 20 MG Tablet Uses in Hindi

नमस्कार दोस्तों, आज हम बात करने वाले है प्रेडनिसोलोन टैबलेट के बारे में। आज हम इसके उपयोग, दुष्प्रभाव और इसकी खुराक के बारे में विस्तार से जानकारी जानेंगे। तो चलिए शुरू करते है और जानते है सबसे पहले प्रेडनिसोलोन के उपयोग के बारे में।  दोस्तों प्रेडनिसोलोन का उपयोग एलर्जी से जुडी बीमारियों में किया जाता है जैसे की गंभीर एलर्जी की प्रतिक्रिया, एलर्जिक विकार, श्वसन से जुड़ा रोग, त्वचा से जुड़े विकार आँखों के विकार और रूमेटिक जैसे विकारो में है।  अभी आपने इस टेबलेट के उपयोग जाने लेकिन कुछ इनके कार्य करने की प्रक्रिया भी समझा देते है प्रेडनिसोलोन ये हमारे प्रतिरक्षा तंत्र में बदलाव का कार्य करती और उससे भी पहले ये टेबलेट सूजन और लालिमा को कम करती है।  इन दवाओं का एक समूह है जिसका नाम ग्लुकोकोर्टिकोस्टेरॉयड और प्रेडनिसोलोन है। ये सब मिलकर हमारे शरीर के कोर्टिकोस्टेरॉयड के स्तर को बढ़ाने का कार्य करती है। और इनकी ऐसी प्रक्रिया ये हमारी सूजन सम्बन्धी समस्याओं को दूर करती है।  अगर खुराक की जानकारी  तो इसके लिए आपको एक डॉक्टर से मिलना चाइये। क्योंकि इस दवा को रोगी की उम्र उसके चिकत्सा के ऐतिहासिक ब

कोरोना वैक्सीन लगाने के बाद क्या परहेज करना चाहिए?

नमस्कार दोस्तों, कोरोना की वैक्सीन भारत में तेजी से लगाईं जा रही है। ऐसे में लोगो के मन इससे जुड़े कई सवाल है। कई लोगो ने अधिकता में एक सवाल पूछा है की क्या हमें कोरोना वैक्सीन लगाने के बाद खानपान में कोण चीजों से परहेज करना चाहिए? तो दोस्तों आज हम इस विषय पर कुछ विशेषज्ञों एवं डॉक्टर्स की क्या राय उसको आपके सामने रखेंगे। तो चलिए शुरू करते है।  इस विषय को लेकर कुछ रिसर्च हुई जिसके आधार पर एक्सपर्ट्स ने कुछ खाने की चीजों को लेकर कुछ गाइडलाइन्स तैयार की है। उनका कहना है की अगर आपको मोटापा अधिक है तो ये आपके लगाईं गयी वैक्सीन के प्रभाव को कम कर सकता है। फिर चाहे आप किसी अन्य बीमारी की वैक्सीन ही क्यों ना ले रहे हो। और एक संस्थान की खोज के अनुसार हमारे शरीर के इम्यून सिस्टम में अतिरिक्त दबाव पड़ने के कारण ऐसा होता है।  एक स्वस्थ इम्यून सिस्टम जरुरत पड़ने पर इन्फ्लेमेशन को चालू एवं बंद करता है। तथा ये लाल रक्त कोशिकाओं को पैदा करता है। और इन्फेक्शन से लड़ने के लिए प्रोटीन बनता है। शोधकर्ताओं के अनुसार एक वैक्सीन जलन को जलन को नियंत्रण में रखती है। लेकिन मोटापा हाई ब्लड प्रेशर और हाई ब्लड शुगर क

Mouth Cancer information in Hindi

 नमस्कार दोस्तों, आज हम मुँह के कैंसर से जुडी जानकारी के बारे में बात करेंगे। और जानेंगे की इस कैंसर के क्या लक्षण है और इससे कैसे निपटा जाए। तो चलिए शुरू करते है।  दोस्तों, मुँह का कैंसर किन्ही एक कारण की वजह से नहीं होता है। इसके पीछे कई कारण हो सकते है। जैसे नशीले पदार्थो के सेवन या फिर अस्वस्थ जीवन शैली आदि इसके प्रमुख कारण होते है। इसमें आपको मुँह में काफी तेज या शुरुवात में कुछ हल्का दर्द महसूस हो सकता है। और दोस्तों कुछ इसके लक्षणों के बारे में विस्तार से जानते है।  दोस्तों अगर आपके मुँह के दाँतों में ढीलापन आ गया है। मुँह और नाक में दर्द महसूस हो रहा है। तो शुरुवात के लक्षणों में ये शुरुवाती लक्षण आपको दिखाई या महसूस होते है। दोस्तों, आपको इस दौरान होंठ, जुबान या मुंह का ऊपरी हिस्से में घाव या गांठ महसूस होने या दिखाई देने लगती है। कभी कभी मुंह का तल के निचे यानी की जीभ के निचले हिस्से में हो सकती है। और कई मामलों आपको ये सब गालों की अंदरूनी परत में भी कुछ ऐसे लक्षण दिखाई दे सकते है। तो ऐसे में अगर आपको लक्षण दिखे तो आप जल्द अपने डॉक्टर से इससे निजात पाने के लिए सलाह मशवरा करे

गिर गाय की जानकारी | Gir Cow Information in Hindi

Image Credit: AgriFarming गिर गाय की जानकारी, Gir Cow Information in Hindi  नमस्कार दोस्तों, आज हम बात करने वाले गिर गाय के बारे में। सौराष्‍ट्र के गिर जंगल के नाम से गिर गाय का नाम पड़ा है। और आज के इस लेख में आप इस गाय को खरीदने से पहले इनकी खासियत और ये कितना दूध देती है और इन से जुडी तमाम जानकारियां आज के इस लेख में जान लीजिये। तो चलिए शुरू करते है।  गिर गाय की विशेषता | Specialty of gir cow in Hindi गिर गाय भारत में सबसे ज्यादा दूध देने वाली गाय मानी जाती है। और इनकी अच्छी दुग्ध उत्पादताकता की वजह से ये काफी लोकप्रिय भी है। इसकी गाय की डेली की दूध देने की क्षमता दिन में 50 से 80 लीटर होती है। बेशक इसकी वजह से इनकी कीमत भी बाकी गायों की तुलना में अधिक होती है और इन गायो के थन भी बड़े होते है और इनके खुराक की बात करे तो इनको रोज 3 से 4 किलो चारे जरुरत होती है।  गिर गाय की कीमत | Cost of gir cow in Hindi दोस्तों, गिर गाय की कीमत की बात करे तो नब्बे हजार से शुरू होकर साढ़े तीन लाख होती है।  गिर गाय के फायदे | Benefits of gir cow in Hindi दोस्तों गिर गाय के दूध से हमारी रोगप्रतिरोधक क्ष

Good Husband and Wife Relationship in Hindi

 नमस्कार दोस्तों, आज हम बात करने वाले है पति और पत्नी के एक अच्छे रिश्ते को बेहतर बनाने के कुछ उपायों के बारे में। दोस्तों अक्सर भारतीय समाज में जो आज का समय है उसके अंदर कहा जाता है की पति और पत्नी का मतलब फसाद है। मुझे नहीं पता की ये सब शादी शुदा लोग ही क्यों कहते है। मुझे उम्मीद है की शायद वो मजाक करते हो। अन्यथा लोग शादी जो क्यों करते। चलिए मैंने आपके लिए रिसर्च की और कुछ तथ्य इकट्ठे किये है, जिन्हे अगर आप समझते है यो फिर आप और आपकी पत्नी के बीच एक मिठास भरे पलों का दौर आ सकता है।  दोस्तों, आज में आपके साथ वार्तालाप शुरू करने से पहले बताना चाहूंगा की आज हम मुख्यत पांच बिन्दुओ पर बात करेंगे। इन बिन्दुओ को अगर आप ध्यान से और गहराई के समझते है। तो मुझे पूरा विश्वास रहेगा की आप अवश्य ही एक अच्छे पति और पत्नी का रिश्ता बनाने में सक्षम हो सकते है। और फिर बनाना भी इतना मत्वपूर्ण नहीं होता है, दोस्तों इसके बनाये रखना भी बहुत जरुरी होता है और आखिरी में आपको एक ऐसा राज भी बताऊंगा जिससे की आप इस कार्य को और आसानी के साथ कर सकते है।   शक Image Credit: Well good दोस्तों, आज का पहला बिंदु है शक।

RH Null Blood Group in Hindi | आरएच नल ब्लड ग्रुप की जानकारी।

 नमस्कार दोस्तों, आज हम बात करने वाले RH ब्लड ग्रुप के बारे में। जानेगे की क्यों इसे काफी दुर्लभ ब्लड ग्रुप माना जाता है। एवं इसे गोल्डन ब्लड क्यों कहा जाता है? इन सब की आज हम चर्चा करेंगे। तो चलिए शुरू करते है और जानते है आरएच नल ब्लड ग्रुप की जानकारी।  दोस्तों, बात 1961 की है जब पहली बार एक ऑस्ट्रेलियाई महिला के अंदर, जांच के दौरान इस रक्त समूह जा पता चला था। दोस्तों इस घटना से पहले डॉक्टर्स का मानना था की खून में Rh फैक्टर के अभाव में कोई व्यक्ति जिन्दा नहीं रह सकता है। लेकिन बाद में उनका ये भरम टूट गया। इन समूह के लोगो के रेड ब्लड सेल में Rh एंटीजन नहीं होता है, तो ऐसे में उनके रक्त समूह को Rh null कहा जाता है। चलिए दोस्तों ये भी जान लेते है की इसका नाम गोल्डन ब्लड कैसे पड़ा? दोस्तों, उस घटना के बाद कई वैज्ञानिकों ने खोज शुरू कर दी इस विषय पड़। और उन्होंने पाया की ये आरएच नल काफी दुर्लभ ब्लड ग्रुप है, और इसके बाद वैज्ञानिकों ने गोल्डन ब्लड का दर्जा दिया। और सच में दोस्तों ये इसके नाम से मानो ऐसा लगता है की जैसे ये कोई बेशकीमती चीज़ हो। क्योंकि काफी काम लोगो में ये पाया जाता है। और दो

Banslochan Benefits in Hindi

 नमस्कार दोस्तों, Banslochan एक प्रकार का कैल्शियम है जो की हमें बांस से प्राप्त होता है। ये हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली की रक्षा करता है, क्योंकि पर्याप्त मात्रा में गुण मौजूद होते है जिनके बारे हम आज चर्चा करेंगे, तो चलिए शुरू इससे पहले थोड़ा बांस के बारे में भी बात कर लेते है।  दोस्तों, बांस को हमेशा से ही आयुर्वेद में एक स्थान भी प्राप्त है। क्योंकि इसके गुण काफी सारे है। दोस्तों, बांस में काफी सारे गुण पाए जाते है। जैसे की कैल्शियम, प्रोटीन, विटामिन ए, ई, बी6, मैग्निशियम, और कॉपर। और ये सब प्रचुर मात्रा में बांस के अंदर उपस्थित होते है। तभी तो मैंने शुरुवात में कहा की इसे आयुर्वेद उपचारों के लिए भी उपयोग में लाया जाता रहा है। और दोस्तों ये सब गुण इस बांस के कोंपलों में होते है। चलिए अब आगे बढ़ते है। और जानते है Banslochan  के फायदों के बारे में।  (Banslochan Benefits in Hindi) यह रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है।  शरीर से मल-मूत्र निकालने में मददगार होता है।  ये हमारी मांसपेशियों की जकड़न को दूर करता है।  नाक या कान से खून बहने जैसी समस्या में Banslochan का उपयोग किया जाता है।  हड्डियों मे

O Positive Blood Group Personality in Hindi

 नमस्कार दोस्तों, आज हम ओ पॉजिटिव ब्लड ग्रुप के बारे में बात करेंगे। और ये जानने का प्रयास करेंगे की क्यों o पॉजिटिव ब्लड ग्रुप के लोग ख़ास क्यों होते है। और इनकी खासियत के साथ ही इनके व्यक्तित्व के बारे में भी नजर डालेंगे, तो चलिए शुरू करते है इसके बुनियादी ढांचे से।    दोस्तों, आपको तो पता ही होगा इंसानो का रक्त अलग अलग प्रकार का होता है।  जिसने एक आता है ओ पॉजिटिव रक्त जिसको सबसे ज्यादा रोगियों को दिया जाता है। बाकी की तुलना में इसका योगदान काफी ज्यादा है। क्योंकि ओ पॉजिटिव ग्रुप वाले लोग सभी को ब्लड दे सकते हैं। साथ ही ओ निगेटिव से ब्लड ले सकते हैं। और आपको ये जानकार भी आश्चर्य होगा की हमारी 38% आबादी में ओ पॉजिटिव रक्त है। लेकिन एक सच्चाई ये भी है की इस ग्रुप वाले लोग सिर्फ ओ पॉजिटिव या ओ निगेटिव ब्लड टाइप से अपने शरीर में रक्त चढ़वा सकते है।  O Positive Blood Group Personality in Hindi  | ओ पॉजिटिव ब्लड ग्रुप के लोगो का व्यक्तित्व :- दोस्तों, अक्सर लोग ओ पॉजिटिव ब्लड ग्रुप के लोगो के बारे में बताते है की, ये बहुत लोग साहसी होते है। तथा ये उच्च मानक स्थापित करने में सक्षम होते है। य

कृषि किस प्रकार की गतिविधि है?

कृषि प्राथमिक क्षेत्र  नमस्कार दोस्तों, आज हम बात करने वाले प्राथमिक क्षेत्र की गतिविधि के बारे में। और दोस्तों इसे शुरू करने से पहले आपके सवाल का जवाब दे देते है की कृषि किस प्रकार की गतिविधि है ?  तो दोस्तों, कृषि प्राथमिक क्षेत्र की गतिविधि है। अब हम बात करेंगे की प्राथमिक क्षेत्र के बारे में। चलिए शुरू करते है  दोस्तों प्राथमिक क्षेत्र को कृषि एवं संबध्द गतिविधियाँ के जाना जाता है। ये अर्थव्यवस्था का वो हिस्सा है, जहां पर हम लोग प्राकृतिक संसाधनों को प्राप्त करते है कच्चे माल के तौर पर।   सीधे तौर पर कहे तो ये क्षेत्र हमारे प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग करने वाला क्षेत्र है। अब करते है की इस क्षेत्र में मुख्यत कौन कौनसी चीजे आती है।  प्राथमिक क्षेत्र में मुख्यत कृषि, मछलीपालन, और वन प्रबंधन (वानिकी) और खनन आदि आते है।  और दोस्तों डेयरी उद्योग भी इसी क्षेत्र के अन्तर्गत आता है।  प्राथमिक क्षेत्र से जुड़े सवाल :- प्राथमिक क्षेत्र का दूसरा नाम क्या है? जवाब - प्राथमिक क्षेत्र का दूसरा नाम प्राइमरी सेक्टर।  प्राथमिक क्षेत्र में कौन कौन से उद्योग आते हैं? जवाब -  दोस्तों, प्राथमिक क्षेत्र